Wednesday 7 August 2013

Swatantra Bharat - (Hindi Book)



गांधीजी आज होते तो कैसा यु टर्न लेते ?
      गांधीजी ने कहा था कि देश के लोगों का स्वराज याने देश का कोई भी नागरिक किसी की दया या दान पर न जीएं, उसे किसी की सेवा लेने का वक्त न आये. संविधान में लिखा है कि प्रत्येक नागरिक को कम से कम प्राथमिक सुख-सुविधा प्राप्त करने का अधिकार और मौका मिलना चाहिए. रहने के लिये घर, कपडें, स्वास्थ्यप्रद भोजन, स्वातंत्र्य, शिक्षा, पर्याप्त आरोग्यसेवा और जीवननिर्वाह कि सुविधा सरलता से मिलनी चाहिए. लोकतंत्र में इतना उसका अधिकार होता है.
गांधीजी ने हिन्द स्वराज लिखा था, उसे काफी समय बीत गया है. विश्व बदल गया है. गांधीजी तो सदा विकासशील महामानव थे. आज वे होते तो कैसा यु टर्न लेते और हिन्द स्वराज के स्थान पर कैसा स्वतंत्र भारत लिखते यह बात नानूभाई नायक ने समाज व्यवस्था बदलने हेतु लिखी पुस्तकों में से हिन्द स्वराज की तरह गांधीजी और हरिलाल के साथ स्वयं के संवाद के रूप में स्वतंत्र भारत में लिखी है.
इस पुस्तक में दलितों और दरिद्र नारायणों के सुख हेतु गांधी विचार को जोड़ते हुए पक्षरहित समाज व्यवस्था ही श्रेष्ठ उपाय है वह समजाया है.
गुजरात के प्रसिद्ध नाट्यलेखक, साहित्यकार, प्रोफेसर ज्योति वैद्यने इस पुस्तक को सांप्रत स्थिति का इन्साइक्लोपिडीया कहा है.

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