Wednesday 17 July 2013

Yes We Can-Nanubhai Naik-Hindi Book



मि. ओबामा, मेरे अमरीकन मित्रों, विश्व के देशों के प्रमुख सत्ताधीशों, संवेदनशील और शिक्षित प्रजाजनों !
मि. ओबामा ! अमरीकन मित्रों ! इंग्लेण्ड, फ्रान्स, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया, रशिया, चीन, भारत, अफ्रीका, ईरान, इराक अफगानिस्तान, पाकिस्तान, जगत के २०४ देशों के प्रमुख सत्ताधीशों, चान्सेलरों, पार्लियामेन्टेरियनों, संसदों और विश्व के शिक्षित तथा संवेदनशील प्रजाजनों !
पूरा जगत आज तीव्र गति से विनाश के रास्ते पर दौड रहा है. सब जानते हैं कि अब उसके लिए ज्यादा समय नहीं बचा हैं. आज जागेंगे नहीं तो कभी भी जागने का मौका नहीं मिलेगा. दो हजार साल में गांधी नामक ऐसा एक ही मानव हमें मिला था जो हमें सही रास्ता दिखाये और उस पर चलने की ताकत दे. किन्तु हम उसे सँभाल नहीं पाये. हम भारत के लोग भी समझ नहीं पाये कि हमारे साथ, हमारा जैसा बन कर रहने वाला वह महामानव हमारे सुखदु:ख की चिंता करता था. सिर्फ हमारी ही नहीं, पूरे विश्व की चिंता करता था और पूरे विश्व को सुखी करने का उसका स्वप्न था. वह स्वप्न पूर्ण करने की शक्ति और आयोजन भी वह धीरे धीरे संजोता जाता था परन्तु हमें उसे उसका पूरा आयुष्य भोगने नहीं दिया अत: आज समस्त विश्व युध्ध्जन्य भीषण ज्वरविभीषिका में सुलझा रहा है.
अब हमें साथ मिल कर उस महामानव को विस्तार से पहचानने का प्रयास करना पड़ेगा. वह आज होता तो क्या करता, कैसे करता उसका विचार करके उसके रास्ते पर चलने के सिवा हमारे पास कोई रास्ता नहीं है.


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